आप किस प्रकार के व्यक्ति है और क्यों है ?

आप किस प्रकार के व्यक्ति है और क्यों है ?
आप किस प्रकार के व्यक्ति है और क्यों है ? एक बार जरूर सोचिये।

मेरी बहन एक प्रोफेशनल इंस्टाग्रामर है।

वो अक्सर मुझसे सुझाव मांगती है बड़ी बहन होने के नाते मदद कर देती हु क्यूंकि बाद में मुझे सुन्ना भी पड़ता है की, ‘दीदी आपने मदद नहीं की मेरी।’

मैं जब भी उसकी वीडियोस देखती और कोई भी सुधार करने को कहती तो वो कहती आपको नहीं पता उस फलाना लड़की ने भी ऐसे ही वीडियो बनाया है।

मैं हमेशा उसे अलग कुछ नया करने को कहती जैसे की ड्रेस मटेरियल अलग हो , बैकग्राउंड सांग अलग हो या स्टाइल अलग हो लेकिन वो नहीं मानती थी या कहु 10 में से एक बात मान लेती।

अभी हाल ही में मोस्ट इन्फ्लुएंसर की लिस्ट में मेरी सिस्टर का नाम नहीं आया तो वो उदास हुई। जबकि उससे कम फोल्लोवेर्स और कम पॉपुलर लड़कियों के नाम है।
मैने रिसर्च की तो पता लगा कुछ तो ऐसे ही नाम डाले हुए है और कुछ सच में यूनिक थी अपने काम में।

फिर उसने कुछ और वीडियोस देखी और मुझसे आकर कहा की दीदी अब मैं कुछ नया करुँगी।
मैने उसे कुछ नहीं कहा बस सोचने लगी की आज की जनरेशन को अपने घरवाले तो बेवकूफ नज़र आते है लेकिन बाहर वाला इंसान समझदार।

एक दिन मेरे एक दोस्त से मैं मैसेज पर बात कर रही थी तो मेरी सबसे छोटी सिस्टर अचानक आके कहती है दीदी साथ की साथ जवाब मत दो थोड़ा इन्तजार कराओ उसे वरना उसे लगेगा की आप वैले बैठे हो। मुझे उसकी बातो पर हसी आ गई।

मतलब क्या सच में हमें ऐसा करने की जरुरत है। अगर आपने साथ की साथ जवाब दे दिया तो क्या आप छोटे हो गए।

मुझमे और मेरी छोटी बहन में 10 साल का गैप है। उसकी और मेरी बातों में कभी कभी उम्र का फर्क नज़र आता है लेकिन कभी कभी इससे जयदा मुझे सोच में अंतर लगता है।

मुझे सीधी और साफ़ बातें समझ आती है और यही सोच मैं सामने वाले के लिए लेके चलती हु। मेरी बहनो को मुझसे शिकायत होती है की मैं साफ़ और सीधा क्यों बोलती हु ख़ास कर तब जब सामने वाला बहुत चंट है लोगो का फायदा उठाना जानते है।

आज के टाइम में सीधे और साफ़ बात करने वालो को लोग भोला और बेवकूफ समझते है। लेकिन मुझे समझ नहीं आता खुद इंसान चाहता तो यही है की लोग मददगार हो , मानवता वाले हो , दिल के अच्छे हो लेकिन सिर्फ बातो में।

हक़ीक़त लोगो से बर्दास्त नहीं होती और फिर ये लोग उसी मानवता भरे इंसान से कहते है की तू बेवकूफ है, तुम जैसो से दुनिया नहीं चलती , तुम जैसो को दुनिया बेच खाये, तुम्हे बदलना चाहिए।

जो जैसा है वो वैसा ही रहे तो जयदा अच्छा है। हालातो को बदलते देरी नहीं लगती। कब कोनसा इंसान हमारे काम आजाये पता नहीं। सभी का एक जैसा हो जाने का मतलब है इस दुनिया का खत्म हो जाना।

मैने यहाँ किसी को जज नहीं किया। इस धरती पर बहुत तरह के लोग है। तभी हम इतने सारे है। जब खुद ईश्वर ने हमें कभी जज नहीं किया तो क्यों किसी के कहे पर आप बदलते है। आप जो है जैसे है खुद पर नाज करे।

उस ईश्वर ने हमें बहुत सोच समझकर बनाया है। ख़ास तोर पर इस इंसानी चीज़ को जो सोचने और समझने की पूरी शक्ति रखता है।

आप किस प्रकार के व्यक्ति है और क्यों है ?
एक बार जरूर सोचिये।

Leave a Comment