योगा और मैडिटेशन के फायदे।

hindi article योगा और मैडिटेशन के फायदे।
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योगा और मैडिटेशन के फायदे।

उस वक़्त मैं 14 साल की थी। समर कैंप में मैने योगा और मैडिटेशन दोनों सीखे।

ये कोई कोर्स नहीं था। समर कैंप की क्लासेज स्टार्ट होने से पहले एक बुजुर्ग से टीचर स्टाफ समेत सभी स्टूडेंट्स को 30 मिन्ट्स योगा और मैडिटेशन सीखाते थे। ये फ्री था। इसलिए सभी इसमें शामिल होते थे।

लेकिन सिर्फ 20 दिनों में ही बड़ी लड़कियों से मैने इसके फायदे सुने और महीने के अंत में मुझे भी इसका बेहद खूबसूरत फायदा दिखा। एक छोटे से एक्सीडेंट के कारण एक लड़की होने के नाते मेरे पीरियड्स की शुरुआत काफ़ी बुरी हुई। लेकिन योगा से मुझे इसमें फायदा मिला और मैने इसे रेगुलर रखा।

साल के लगभग 7 – 8 महीने तो मैं योगा और मैडिटेशन करती हु। (बाकी समय आलस) इसका फायदा जो लोगो को दीखता है वो ये की मुझसे 10 साल छोटी मेरी बहन को बड़ी और मुझे छोटी कहते है।

मैने जिम क्लासेज भी ली हुई है। दोनों में फर्क है। जिम आपकी मसल्स को टाइट करता है। जिम आपके शरीर के लिए कारगर है और योगा आपकी आत्मा के लिए फायदेमंद है। मैडिटेशन इन दोनों को जोड़ने का काम करता है।

अब आप कहोगे ये तो सीधी सी बात है। लेकिन एक बड़ी बात इन्हे अलग करती है।

जिम में की गई मेहनत ज्यादा समय तक लम्बी नहीं रूकती। लेकिन योगा और मैडिटेशन दोनों लम्बी रेस के घोड़े है। जिम का परिणाम हमें भले ही हाथो हाथ दिखता है लेकिन जिम ना जाने पर ये चार्म भी ख़तम हो जाता है। योगा का परिणाम लेट दीखता है लेकिन इसका चार्म भी लेट तक जाता है।

खैर मैं ये नहीं कह रही ये करो ,वो मत करो। नहीं। आपकी अपनी चॉइस है। लेकिन जैसे की मैने कहा जिम शरीर के लिए फायदेमंद है और योग आत्मा के लिए। तो दोनों का होना ज्यादा फायदेमंद है।

मैं खुद सप्ताह के 4 दिन जिम और 3 दिन योग और मैडिटेशन के रखती हु।

आज की जैसी हमारी भागदौड़ वाली या डिप्रेशन वाली लाइफ है यहाँ योग और मैडिटेशन बहुत कारगर है।

मैडिटेशन करना आसान है। आप आँख बंद करके अपने पसंदीदा मंत्र का बार बार उच्चारण कर सकते है। या बस आँखे बंद करके चुपचाप बैठ जाए और दिमाग में चल रही खलबली को पढ़ने की कोशिश करे। जैसे की कोई विचार बार बार क्यों आ रहा है जवाब देखे।

इसके आलावा हमारी ज़िन्दगी में और भी बहुत से पल होते है मैडिटेशन के जो की कुछ पलो के होते है। जैसे की ढलती शाम को चाय या कॉफ़ी के साथ निहारना ना की फ़ोन देखना। रात में 10 मिंट तारों को देखना। 30 मिनट तक खुद को बिना कुछ करे ,बिना फ़ोन के एक जगह पाना।

सुबह हो या शाम आप अपनी सहुलियत के हिसाब से मैडिटेशन कभी भी कर सकते है।

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