अच्छा महसूस करे।
ज़िन्दगी आपसे क्या कहना चाहती है ?
ज़िन्दगी कहना चाहती है मुझपर विश्वास रखो।
वो भला कैसे … ऐसे
ज़िन्दगी आपके साथ कुछ गलतियाँ बार बार दोहराती है जब तक आप उनसे सीख और सबक ना ले ले।
मैं उनमे से हु जिसने सफलता को पाने की तो पूरी कोशिश की लेकिन बिना इसे जाने। क्यूंकि सफलता की दूसरी तरफ असफलता होती है और इसको मैने हमेशा नकारा है। इसलिए असफल होने पर झट से निराश हो जाती और सबकुछ छोड़कर खुदको शटडाउन कर लेती। क्यों क्या कैसे ये सब सोचने की बजाये बस खुदको कोसती।
मुझे हमेशा से ही सफलता को पाने की जल्दी रहती। खूब मेहनत करवाई है खुद से। लेकिन जाने अनजाने में गलतियां दोहराई ही है।
बहुत बार सामने सबकुछ साफ़ होता था लेकिन कम समझ के कारण मानने को तैयार नहीं होती थी।
नतीजतन मुझे कभी खुद से संतुष्टि नहीं हुई।
सफलता कुछ ख़ास नहीं मिली लेकिन हाँ समझ पहले से काफी आ गई और सीख इतनी मिल गई की अब इत्मीनान करने लगी हु।
अब कोई जल्दबाजी नहीं करती।
पहले मैं बहाव के विपरीत बहने की कोशिश करती थी। लेकिन अब कही जाकर समझ आया की इससे कोई फायदा नहीं।
लाख कोशिशों के बावजूद जब आपको आपके मन मुताबिक ना मिले तो खुद को ढीला छोड़कर ज़िन्दगी के बहाव में बह जाना बेहतर होता है।
दरअसल आपके सभी सपने पूरे होते है लेकिन अलग सूरतों में। पहचान लो तो ज़िन्दगी सवरने में देरी नहीं लगती बजाये मन का रोना लेकर बैठे रहने के।
मेरा मानना है की सर पर मार पड़े बगैर आप कभी सीख नहीं सकते।
बड़ो की आदत होती है छोटो को सलाह मशविरा देने की। बड़ो का सोचना होता है की अभी से सलाह देंगे तो उनसे छोटे ज़िन्दगी में सही निर्णय लेंगे।
ये सब संस्कार देने के मामले तक तो ठीक है। लेकिन जब बात ज़िन्दगी के अहम फैसले लेने की आती है तो इसकी सही समझ तो हर इंसान को उस पर बीत जाने पर आती है।
इसलिए ज़िन्दगी कहती है मुझपर विश्वास रखो। इत्मीनान रखो।
जो जाता है उसे जाने दो। जब वो लोट कर आये तो वो तुम्हारा है।
अब इसका क्या करना है ये निर्णय सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा होगा।
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