आपको लगता होगा जीवन आपके लिए उचित क्यों नहीं है ,उन महान लोगो के लिए ये ज़िन्दगी कैसे उचित साबित होती है।
जाने अनजाने में हमारे पेरेंट्स ,फ्रेंड्स,रिलेटिव्स ने हमारे दिमाग में बेकार के वैल्यूज और प्रिंसिपल्स को बचपन से इनस्टॉल करके रखा है। यही आपकी एवरेज लाइफ की वजह बन जाती है।
लेकिन महान लोग महान इसलिए है क्यूंकि वो लोग जानते है की ज़िन्दगी को कैसे हैंडल करना है। कैसे चलना है यहाँ।
एंड्रू मैथ्यू की बुक हाउ लाइफ वर्क्स में लाइफ के 7 नियम।
जीवन को नियंत्रित नहीं किया जा सकता.
दुनिया में 2 तरह के लोग होते है। एक तो वो जिन्हे दूसरे कण्ट्रोल किए होते है। दूसरे वो जो अपनी लाइफ का कण्ट्रोल अपने हाथो में लिए होते है और अपनी लाइफ के अनुसार जी रहे होते है।
अब यहाँ पहली केटेगरी वाले लोग तो वैसे भी असफल होते रहते है लेकिन कभी कभी दूसरी केटेगरी वाले भी असफल हो जाते है।
एक उदहारण से समझते है। अभी हाल ही में क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान भारत ने लगातार अपनी जीत बरक़रार रखी। बिना कोई मैच हारे। सबको यकीं था वर्ल्ड कप भारत का होगा लेकिन फाइनल ऑस्ट्रेलिया ने जीता।
आप अपना बेस्ट एफर्ट दे सकते हो लेकिन रिजल्ट का मिलना आपके हाथों में नहीं है। गीता में भी यही कहा है कर्म करो फल की इच्छा मत करो।
प्रतिरोध जीवन का शत्रु है, स्वीकृति ही इसकी कुंजी है।
जब तक आप अपने कम्फर्ट जोन के बाहर रहते है सब ठीक रहता है। लेकिन जैसे जैसे आप अपने कम्फर्ट जोन में कम्फर्टेबले हो जाना शुरू करते है प्रोब्लेम्स होना शुरू हो जाती है।
प्रकृति बदलाव का दूसरा नाम है और हम इसी का हिस्सा है। जब हम बदलाव को नकारना शुरू करते है ज़िन्दगी भी हमें धकेलना शुरू कर देती है। रेजिस्टेंस इस लॉक to सक्सेस और एक्सेप्टेन्स is key to सक्सेस।
जो लोग सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं उनका जीवन अच्छा चलता है।
हमें बस अपने सकारात्मक रवैय्ये पर फोकस रखना है और जो कुछ हम करते है उसमे एफर्ट करना है। बाकी सब ज़िन्दगी पर छोड़ देना है। जब आप पॉजिटिव ऐटिटूड रखते हो तो चीज़े आपके पीछे खुद-ब-खुद आती है। आपको उनके पीछे नहीं भागना।
जीवन आपको वही प्रदान करता है जो आप महसूस करते हैं।
आप सभी ने रहोण्डा बायर्न की किताब थे सीक्रेट तो पढ़ी होगी। जिसमे लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन कहता है की हम पहले विचार करते है। फिर उस चीज़ को लेकर हमारे अंदर इमोशंस जागते है। फिर हम उसे महसूस करते है। हमारे गहरे अनुभव और फीलिंग्स से ब्रह्माण्ड को सिग्नल जाता है और यूनिवर्स हमें वो सब देता है जिसकी हमें तहे दिल से चाह है।
जीवन उन लोगों को पुरस्कृत करता है जिनके पास विशिष्ट लक्ष्यों की अपेक्षा सामान्य लक्ष्य होते हैं।
स्पेसिफिक गोल रखना गलत नहीं है। लेकिन इस गोल के साथ ना एक इंच ज्यादा ,ना एक इंच कम वाला ऐटिटूड रखना गलत है। लाइफ हमेशा से अनएक्सपेक्टेड होती है। इसलिए जनरल गोल्स के साथ पॉजिटिव ऐटिटूड लेकर आगे बढ़ो। उम्मीद रखो लाइफ से आपको बेहतर चीज़ें ही मिलेगी।
अगर आप नहीं बदलते तो जिंदगी आपको वही चीज़ देती है।
लाइफ तब तक हमें कुछ नया नहीं देती जब तक हम कुछ नया एफर्ट नहीं करते। अपनी आदतों को बदलो ,लाइफ बदलेगी।
जीवन का उद्देश्य सफलता नहीं बल्कि खुशी है।
हमें बचपन से सिखाया जाता है कड़ी मेहनत करो सफलता मिलेगी। हम करते भी है कड़ी मेहनत। फिर गोल सेट करते है। उन्हें अचीव करते है। और फिर एक जॉब में रोबोट की तरह पूरी ज़िन्दगी काम करते है लेकिन हैप्पीनेस नज़र नहीं आती।
सक्सेस से हमें जो हैप्पीनेस मिलती है वो टेम्पररी होती है। लेकिन हैप्पीनेस से जो सक्सेस हमें मिलती है वो परमानेनेट होती है।
लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन भी यही कहता है।
हम सभी की लाइफ का उद्देश्य भी हैप्पीनेस है।
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