गणेश चतुर्थी , त्यौहार मनाने के तरीके में क्या बदलाव उचित है ?

गणेश चतुर्थी , त्यौहार मनाने के तरीके में क्या बदलाव उचित है ?
गणेश चतुर्थी , त्यौहार मनाने के तरीके में क्या बदलाव उचित है ?

आज गणेश चतुर्थी है।

भारत में हिन्दुओ द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार। भारत में गणेश जी को शुभ अवसरों पर सबसे पहले नमन किया जाता है। चाहे अवसर छोटा हो या बड़ा किसी भी काम की अच्छी शुरुआत के लिए इन्ही को सबसे पहले पूजा जाता है।

पहले ये त्यौहार दक्षिण भारत में और महाराष्ट्र में मनाया जाता था लेकिन अब लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है। प्रथम ईश्वर है इसलिए लगभग मध्य भारत में और दक्षिण भारत में हर घर में इनकी स्थापना होती है।

११ दिन की पूजा होती है। आज ही के दिन मतलब गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति घर में लाई जाती है। पूरे १० दिन तक घर में इनकी पूजा होती है और गणपति विसर्जन के दिन मतलब ११वे दिन इनकी मूर्ति को बड़े ही धूमधाम से गाने बाजे के साथ पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।

विसर्जन वाले दिन जब घर से निकलते है तो सभी एक ही जयकारा लगाते है –
गणपत्ति बाप्पा मोरया ,अगले बरस तू जल्दी आ।
मतलब हे ईश्वर आपकी जयकार हो और अगले साल आप फिर से जल्दी से हम सभी के घर में पधारे।

अब इस प्रथा में एक छोटा सा लेकिन बेहद ही खूबसूरत बदलाव किया है। पहले मूर्तिया पक्के पत्थर की बनी होती थी। नदियों में तालाबों में विसर्जन करने के बाद पानी का प्रदुषण बढ़ जाता था।

वहां भीड़ में लोग आपस में खो जाते थे ,घायल हो जाते थे और यहाँ तक की बहुतो की मौत भी हो जाती थी।

इसलिए अब एक मुहीम चलाई है – मिट्टी के गणेश।

लोगों को हिदायत दी जा रही है। अपने ही घर पर मिटटी के गणेश बनाये और उसे अपने ही घर में एक चौड़े बर्तन में पानी भर कर विसर्जित करदे। ये पूरा मैटेरियल घर के गार्डन में डाल दे।

कितना खूबसूरत है सब। इस तरह से हमारी पूजा पूरी तरह से सफल हुई। भला किसी को नुक्सान पहुंचाके, फिर भले वो जीव जंतु हो या इंसान, हमारी पूजा सफल कैसे हो सकती है।

हमारे घर में हर तरह के छोटे बड़े त्योहारों को मनाने का मुझे बहुत शोक है। आस पास रौनक बनी रहे बड़ा अच्छा लगता है।

३ साल पहले इन्ही दिनों मेरे डैड गुजर गए थे और मैने ना समझी में गणेश जी की मूर्ति उठाके बाहर फेंक दी थी। २ साल तक नाराज रही ईश्वर से लेकिन समय के साथ बहुत कुछ समझ आने लगा।

स्वीकार किया की जीवन और मृत्यु सिर्फ और सिर्फ ईश्वर के हाथो में है। हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते। तो जो है इसका शुक्रिया करते चलो प्रार्थनाओ में बहुत ताकत होती है, भरोसा रखे।

अपना, अपनों का और बाकी सभी का भी ख्याल करें।ऐसा करने पर आप छोटे नहीं हो जायँगे। सही मायनो में ऐसे में आपकी पूजा सफल होगी।

सभी को गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएं।

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