क्या सब कुछ वैसा ही होता है जैसा होना चाहिए ?

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हर क्षण ,फैसला ,चुनाव ,व्यक्ति ,टकराव ,इत्तफाक ,प्यार ,दुःख ,सफलता ,असफलता ,आगे बढ़ना ,ना बढ़ना ये सबकुछ मिलाकर ही हमारी ज़िन्दगी बनती है। सब कुछ वैसा ही होता है जैसा होना चाहिए।

आपको लगता है अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो अच्छा होता ,वैसे नहीं हुआ होता तो अच्छा होता। हर अनुभव मायने रखता है एक समय आता है जब आप इन सभी बातों को लम्हो को एक दूसरे से जोड़ पाते है। आपको पता लगता है “अरे ! ये इसलिए हुआ।”

एक दिन में अचानक सबकुछ नहीं होता। एक प्रोसेस की तरह धीरे धीरे चीज़े अपनी जगह काम करती रहती है। और आपको परिणाम मिलते है।

बहुत बुरे अनुभव हो या बहुत अच्छे सभी अपनी जगह मायने रखते है। आपको अपने अच्छे बुरे सभी अनुभवों का परिणाम मिलता रहता है। बस प्रोसेस हमें दिखाई नहीं देती क्यूंकि हम सभी की आदत है इसे कोसने की परिणाम को झट से पाने की।

हां चीज़े हमारे अनुसार तो कभी काम नहीं करती। हां जो आप चाहते थे वो नहीं मिला या नहीं हुआ ,हां आपने बहुत देर से चीज़ो को महसूस किया ,हां आप खो जाने जैसा महसूस कर रहे है ,हां आपको नहीं पता की क्या करना है तब भी जब आप बहुत उम्र के हो गए है ,हां आप हारा हुआ सा महसूस करते है लेकिन सब ठीक है। हां सब ठीक है।

भले ही आज आपको सब ठीक नहीं लगे लेकिन विश्वास रखे ज़िन्दगी यू ही आपको इतना दूर नहीं ले आई है। कोई तो वजह होगी। और उस वजह का भी एक वक़्त है जो अभी आना बाकी है।या हो सकता है सब कुछ आपके पास है लेकिन आपने कभी उस नज़रिये से देखा भी नहीं।

मुझे याद है अपने ग्रेजुएशन के दिन। उन दिनों मैं हर वक़्त बोसी टाइप की रहती थी। चीज़ें काम तब भी करती थी लेकिन अलग ढंग से मेरे तरीके से नहीं। और मुझे शिकायत रहती थी की कभी मेरे तरीके से कुछ नहीं हुआ। अब जब थोड़ी समझदारी आ गई है तो पता चलता है बहुत कुछ पहले भी था मेरे आस पास लेकिन खुद की हरकतों की वजह से कभी ध्यान नहीं दिया और ब्लैमे दुसरो को देती रही।

एक समय आता है जब आपको अपने डर को पीछे छोड़ना होता है। ये हमारा डर होता है जो आड़े आता है। विश्वास करे चीज़े जैसे भी काम कर रही है आपके फवौर में कर रही है।

जब आप ऐसा करने लग जाते है खुद में विश्वास बाँध लेते है तो ये ब्रह्माण्ड खुद आपके फवौर में काम करने लग जाता है।

भले ही इस वक़्त परिस्थितियाँ कुछ भी हो। आपको लगेगा पता नहीं चीज़े कैसे काम करेंगी ये वो। लेकिन इन सब के बावजूद अपनी ज़िन्दगी की प्रोसेस में विश्वास रखिये।

आप क्या कर रहे हो ये आपको पता है। दूसरे क्या करते है ये आपको नहीं पता। लेकिन वो ब्रह्माण्ड इन सब को मिलाकर आपके लिए क्या करेगा इस पर विश्वास करे। इसलिए ही कहते है व्यक्ति को अपने कर्मो पर ध्यान देना चाहिए।

आप भले ही कितना भी नकार ले ,झूटला ले लेकिन जो होगया सो होगया।
वो सब होना ही था।

विश्वास करे ज़िन्दगी आपके साथ नहीं घटती ,आपके लिए ही घटती है।

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